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Directive Principles of State Policy: Guiding India's Vision for a Welfare State

 राज्य के नीति निदेशक तत्व: कल्याणकारी राज्य का मार्गदर्शक दर्शन प्रस्तावना: संविधान की आत्मा का जीवंत हिस्सा भारतीय संविधान का भाग 4, जो अनुच्छेद 36 से 51 तक फैला है, 'राज्य के नीति निदेशक तत्व' (Directive Principles of State Policy – DPSPs) का खजाना है। ये तत्व भारत को एक ऐसे कल्याणकारी राज्य की ओर ले जाने का सपना दिखाते हैं, जहाँ न केवल राजनीतिक आज़ादी हो, बल्कि सामाजिक और आर्थिक न्याय भी हर नागरिक तक पहुँचे। ये तत्व भले ही अदालतों में लागू करवाने योग्य न हों, लेकिन ये संविधान की उस चेतना को दर्शाते हैं जो भारत को समता, न्याय और बंधुत्व का देश बनाने की प्रेरणा देती है।  यह संपादकीय लेख भाग 4 के महत्व, इसके ऐतिहासिक और समकालीन संदर्भ, इसकी उपलब्धियों और चुनौतियों को सरल, रुचिकर और गहन तरीके से प्रस्तुत करता है। आइए, इस यात्रा में शामिल हों और समझें कि कैसे ये तत्व आज भी भारत के भविष्य को आकार दे रहे हैं। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: स्वतंत्र भारत का नीतिगत सपना जब भारत ने 1947 में आज़ादी हासिल की, तब संविधान निर्माताओं के सामने एक सवाल था: स्वतंत्र भारत कैसा होगा? क्या वह केवल औपनिवे...

12th Political Science Important Question-Answer : Globalization

बहुत छोटे उत्तर वाले प्रश्न (1 अंक)


1. वैश्वीकरण को परिभाषित करें।

वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, सूचना, संस्कृति और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान के माध्यम से परस्पर जुड़ाव और परस्पर निर्भरता बढ़ती है।

2. वैश्वीकरण की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?


व्यापार और निवेश के माध्यम से अर्थव्यवस्थाओं का एकीकरण।

प्रौद्योगिकी और संचार का प्रसार।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समरूपीकरण।

बहुराष्ट्रीय निगमों (MNCs) की बढ़ती भूमिका।


3. वैश्वीकरण को बढ़ावा देने वाले दो अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नाम बताइए।


विश्व व्यापार संगठन (WTO)

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)


4. "सांस्कृतिक समरूपीकरण" का क्या अर्थ है?

सांस्कृतिक समरूपीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें स्थानीय संस्कृतियाँ वैश्विक संस्कृति के प्रभाव में आकर एक जैसी हो जाती हैं, जो अक्सर पश्चिमी मूल्यों से प्रभावित होती हैं।

5. वैश्वीकरण का अर्थव्यवस्था पर कोई एक प्रभाव बताइए।

वैश्वीकरण के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि हुई है, जिससे देशों को नए बाजारों तक पहुँचने और अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार करने का अवसर मिला है।


छोटे उत्तर वाले प्रश्न (2 अंक)


1. उदाहरण सहित वैश्वीकरण की अवधारणा को समझाइए।

वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें लोग, कंपनियाँ और सरकारें पूरी दुनिया में एक-दूसरे के साथ बातचीत और समाकलन करती हैं। उदाहरण के लिए, मैकडॉनल्ड्स का विभिन्न देशों में फैलना वैश्वीकरण का परिणाम है। इसी तरह, इंटरनेट का उपयोग करके लोगों का वैश्विक स्तर पर जुड़ना भी वैश्वीकरण को दर्शाता है।

2. वैश्वीकरण ने राज्यों की संप्रभुता को कैसे प्रभावित किया है?

वैश्वीकरण के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बढ़ते प्रभाव से राज्यों की पूर्ण सत्ता कम हो गई है।
हालाँकि, राज्य अब भी अपनी सीमाओं के भीतर वैश्विक गतिविधियों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


3. वैश्वीकरण और मुक्त व्यापार के बीच क्या संबंध है?

मुक्त व्यापार वैश्वीकरण का एक प्रमुख घटक है, जो सीमाओं के पार वस्तुओं और सेवाओं के निर्बाध आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। वैश्वीकरण मुक्त व्यापार को प्रोत्साहित करता है, व्यापार बाधाओं को कम करता है और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देता है।

4. वैश्वीकरण के दो सकारात्मक और दो नकारात्मक प्रभाव बताइए।

सकारात्मक प्रभाव:


आर्थिक विकास में वृद्धि

सांस्कृतिक आदान-प्रदान


नकारात्मक प्रभाव:


सांस्कृतिक पहचान का नुकसान

आर्थिक असमानताओं में वृद्धि


5. प्रौद्योगिकी ने वैश्वीकरण में कैसे योगदान दिया है?

प्रौद्योगिकी ने संचार और परिवहन में क्रांति ला दी है, जिससे वस्तुओं, सेवाओं और सूचनाओं का तेजी से आदान-प्रदान संभव हुआ है। इंटरनेट और मोबाइल फोन जैसी नवाचारों ने वैश्विक संपर्क को तत्काल और प्रभावी बना दिया है।

लंबे उत्तर वाले प्रश्न (4 अंक)


1. विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के प्रभावों की आलोचनात्मक समीक्षा करें।


सकारात्मक प्रभाव:


प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि

बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से रोजगार के अवसर

नए बाजारों और प्रौद्योगिकी तक पहुँच


नकारात्मक प्रभाव:


श्रमिकों और संसाधनों का शोषण

आय असमानता का बढ़ना

विकसित अर्थव्यवस्थाओं पर निर्भरता


2. वैश्वीकरण के संदर्भ में विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका को समझाइए।

WTO वैश्वीकरण को बढ़ावा देने में मदद करता है:

मुक्त व्यापार को प्रोत्साहित करता है।

व्यापार विवादों का समाधान करता है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों के लिए एक रूपरेखा तैयार करता है।

व्यापार बाधाओं को कम करके वैश्विक व्यापार को अधिक प्रभावी बनाता है।


3. वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभावों पर चर्चा करें।


सकारात्मक प्रभाव:


विभिन्न संस्कृतियों के संपर्क से वैश्विक समझ में वृद्धि।

कला, भोजन और संगीत जैसी सांस्कृतिक विविधता का प्रसार।


नकारात्मक प्रभाव:


सांस्कृतिक समरूपीकरण के कारण पारंपरिक संस्कृतियों का विलुप्त होना।

पश्चिमी सांस्कृतिक मूल्यों का प्रभुत्व बढ़ना।


4. वैश्वीकरण ने भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया है? उदाहरण दीजिए।


सकारात्मक प्रभाव:


आईटी और सेवा क्षेत्र में वृद्धि (जैसे, इंफोसिस, विप्रो)।

वैश्विक ब्रांडों का आगमन (जैसे, वॉलमार्ट, अमेज़न)।

वस्त्र और सॉफ्टवेयर जैसे उत्पादों का निर्यात बढ़ा।

नकारात्मक प्रभाव


छोटे उद्योगों के लिए चुनौतियाँ बढ़ीं।

विदेशी निवेश पर निर्भरता बढ़ी।


5. विकासशील देशों को वैश्वीकरण से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का विश्लेषण करें।


आर्थिक चुनौतियाँ:


संसाधनों और श्रमिकों का शोषण।

विकसित देशों पर निर्भरता।


सांस्कृतिक चुनौतियाँ:


पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक पहचान का नुकसान।


राजनीतिक चुनौतियाँ:


बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रभाव से संप्रभुता में कमी।


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