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12th Political Science Complete Notes

  📘 Part A: Contemporary World Politics (समकालीन विश्व राजनीति) The Cold War Era (शीत युद्ध का दौर) The End of Bipolarity (द्विध्रुवीयता का अंत) US Hegemony in World Politics ( विश्व राजनीति में अमेरिकी वर्चस्व ) Alternative Centres of Power ( शक्ति के वैकल्पिक केंद्र ) Contemporary South Asia ( समकालीन दक्षिण एशिया ) International Organizations ( अंतर्राष्ट्रीय संगठन ) Security in the Contemporary World ( समकालीन विश्व में सुरक्षा ) Environment and Natural Resources ( पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन ) Globalisation ( वैश्वीकरण ) 📘 Part B: Politics in India Since Independence (स्वतंत्रता के बाद भारत में राजनीति) Challenges of Nation-Building (राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ) Era of One-Party Dominance (एक-दलीय प्रभुत्व का युग) Politics of Planned Development (नियोजित विकास की राजनीति) India’s External Relations (भारत के विदेश संबंध) Challenges to and Restoration of the Congress System ( कांग्रेस प्रणाली की चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना ) The Crisis of Democratic...

Privileged Class in Contemporary India: Inequality, Power and Democratic Contradictions

विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग और वर्तमान भारत भारत स्वयं को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहता है, जहाँ संविधान प्रत्येक नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का आश्वासन देता है। किंतु इस आदर्श और यथार्थ के बीच एक अदृश्य दीवार खड़ी है— विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की। यह वर्ग कानून की किताबों में भले न लिखा हो, पर सामाजिक व्यवहार, आर्थिक अवसरों और सत्ता-संरचनाओं में उसकी उपस्थिति स्पष्ट दिखाई देती है। वर्तमान भारत को समझने के लिए इस विशेषाधिकार की प्रकृति, उसके प्रभाव और उससे उपजे विरोधाभासों को समझना अनिवार्य है। विशेषाधिकार का अर्थ केवल धन या सत्ता तक सीमित नहीं है। यह जन्म से मिलने वाला वह सामाजिक लाभ है, जो किसी व्यक्ति को बिना संघर्ष के अवसरों के निकट पहुँचा देता है। भारत जैसे ऐतिहासिक रूप से असमान समाज में जाति, वर्ग, लिंग, भाषा और क्षेत्र—सभी विशेषाधिकार के निर्धारक रहे हैं। उच्च जाति में जन्म, शहरी परिवेश, अंग्रेज़ी शिक्षा और संपन्न परिवार—ये सभी ऐसे अदृश्य पूंजी हैं, जो व्यक्ति को प्रतिस्पर्धा में पहले ही आगे खड़ा कर देती हैं। इसके विपरीत, वंचित वर्ग अपनी ऊर्जा अवसर खोजने में नहीं, बल...

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