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French Revolution

  फ्रांसीसी क्रांति  फ्रांसीसी क्रांति के राजनीतिक कारणों पर लेख Dynamic GK शैली में हिंदी संपादकीय शीर्षक: फ्रांसीसी क्रांति के राजनीतिक कारण: निरंकुशता से जनक्रांति तक 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में फ्रांस की धरती पर जो हलचल मची, वह न केवल यूरोप बल्कि समूचे विश्व के इतिहास को एक निर्णायक मोड़ देने वाली सिद्ध हुई। फ्रांसीसी क्रांति केवल सामाजिक और आर्थिक असंतोष की परिणति नहीं थी, बल्कि यह गहरी राजनीतिक असफलताओं का भी परिणाम थी। राजतंत्र की निरंकुशता, प्रशासनिक अक्षमता और वित्तीय कुप्रबंधन ने जनाक्रोश को जन्म दिया, जिसने अंततः राजशाही की नींव हिला दी। निरंकुश राजशाही और सत्ता का केंद्रीकरण लुई सोलहवें के शासन में फ्रांस एक पूर्णत: निरंकुश राजतंत्र था। राजा ही विधि निर्माता, कार्यपालिका और न्यायपालिका का केन्द्र था। लोगों की कोई राजनीतिक भागीदारी नहीं थी। संसदीय संस्थाओं का अभाव और जनता की इच्छा की लगातार अवहेलना ने शासन को जनता से पूर्णतः काट दिया। लुई सोलहवें के शासन में यह अलगाव और भी तीव्र हो गया। आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता जब लुई सोलहवें 1774 में सत्ता में आ...

11th पोलिटिकल साइंस चैप्टर -1 : संविधान क्यों और कैसे?

 संविधान क्या है?

संविधान किसी देश की मूलभूत विधि (Fundamental Law) होता है, जो शासन के संचालन की रूपरेखा तैयार करता है। यह सरकार की संरचना, शक्तियों, कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों व कर्तव्यों को निर्धारित करता है।

सरल शब्दों में, संविधान वह दस्तावेज़ है जो यह तय करता है कि:


  • देश में शासन कैसे चलेगा?
  • कौन सरकार बनाएगा?
  • सरकार की सीमाएं क्या होंगी?
  • नागरिकों के क्या अधिकार और कर्तव्य होंगे?


संविधान की आवश्यकता क्यों है?

1. शासन की स्पष्ट रूपरेखा देने के लिए

संविधान यह तय करता है कि शासन का ढांचा क्या होगा – जैसे कार्यपालिका (Executive), विधायिका (Legislature) और न्यायपालिका (Judiciary) – और उनके अधिकारों की सीमाएं क्या होंगी।

2. नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए

संविधान मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) के ज़रिये नागरिकों को अभिव्यक्ति, धर्म, शिक्षा, समानता आदि की स्वतंत्रता देता है।

3. सत्ता के दुरुपयोग से रोकने के लिए

संविधान सीमाओं को तय करता है ताकि कोई व्यक्ति या संस्था असीमित शक्ति का दुरुपयोग न कर सके।

4. न्याय और समानता सुनिश्चित करने के लिए

यह सभी नागरिकों के लिए कानून के समक्ष समानता और निष्पक्ष न्याय की गारंटी देता है।

5. राज्य और नागरिकों के बीच संबंधों को निर्धारित करने के लिए

संविधान यह बताता है कि राज्य नागरिकों से क्या अपेक्षा करता है और नागरिकों को राज्य से क्या अधिकार मिलते हैं।

6. बहुलतावादी समाज को जोड़ने के लिए

भारत जैसे विविधताओं वाले देश में संविधान सबको एकता के सूत्र में बाँधता है और सबको समान अधिकार देता है – चाहे भाषा, धर्म, जाति कुछ भी हो।

7. लोकतंत्र की रक्षा के लिए

संविधान चुनाव प्रक्रिया, बहुमत का शासन और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जैसे सिद्धांतों को सुनिश्चित करता है।


📌 निष्कर्ष (Conclusion)


संविधान केवल कानूनों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह किसी भी राष्ट्र की आत्मा (soul) होता है। यह न केवल शासन की प्रणाली तय करता है बल्कि नागरिकों की आज़ादी, गरिमा और न्याय की गारंटी भी देता है।



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