Skip to main content

Class 9 – History Chapter 1: The French Revolution

📘 Chapter 1: The French Revolution – Summary 🔰 Introduction: The French Revolution began in 1789 and is one of the most significant events in world history. It marked the end of monarchy in France and led to the rise of democracy and modern political ideas such as liberty, equality, and fraternity . 🏰 France Before the Revolution: Absolute Monarchy: King Louis XVI ruled France with complete power. He believed in the Divine Right of Kings. Social Structure (Three Estates): First Estate: Clergy – privileged and exempt from taxes. Second Estate: Nobility – also exempt from taxes and held top positions. Third Estate: Common people (peasants, workers, merchants) – paid all taxes and had no political rights. Economic Crisis: France was in heavy debt due to wars (especially helping the American Revolution). Poor harvests and rising food prices led to famine and anger among the poor. Tax burden was unfairly placed on the Third Estate. Ideas of Enlightenmen...

12 राजनीति विज्ञान अध्याय-1.9 : वैश्वीकरण

 

वैश्वीकरण

वैश्वीकरण क्या है?

एक देश से दूसरे देश के बीच व्यक्ति, बस्तु, विचार और पूंजी के प्रवाह को वैश्वीकरण कहते हैं।

वैश्वीकरण के कारण

वैश्वीकरण के कारणों को संक्षेप में लिखिए।

वैश्वीकरण में प्रौद्योगिकी का क्या योगदान है?

1- प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति

वैश्वीकरण की उत्पत्ति के कारणों में प्रौद्योगिकी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। आज इंटरनेट, मोबाइल फोन और माइक्रोचिप ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में संचार क्रांति उत्पन्न कर दी है। शुरू-शुरू में जब छपाई (मुद्रण) तकनीकी आई थी तो उसने राष्ट्रवाद की आधारशिला रखी। इसी प्रकार आज प्रौद्योगिकी के विकास ने हमारी जीवन शैली को ही बदल कर रख दिया है। प्रौद्योगिकी के कारण ही आज पूरे विश्व में विचार, वस्तु, पूंजी और व्यक्तियों की आवाजाही में सुगमता आई है। प्रौद्योगिकी की सहायता से आज भौगोलिक दूरियां कोई मायने नहीं रखती हैं। मिनटों में कोई भी व्यक्ति अपने सगे संबंधियों से संपर्क स्थापित कर सकता है।

2- विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव

विश्वव्यापी प्रवाह में निरंतरता से लोगों में पारस्परिक जुड़ाव उत्पन्न हुआ है। इसी जुड़ाव की वजह से वैश्वीकरण की प्रक्रिया में तीव्रता आई। विश्व के किसी भी हिस्से में निवास कर रहे लोगों को विश्वास है कि वह एक दूसरे से जुड़े हैं। किसी भी देश या भूभाग में कोई भी घटना घटित होती है तो उसका प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ता है। सुनामी बर्ड फ्लू व कोविड-19 जैसे खतरे किसी एक राष्ट्र की सीमाओं में सिमटे नहीं हैं। ये घटनाएं राष्ट्रीय सीमाओं का पालन नहीं करती, इनका प्रभाव विश्व के अन्य देशों पर भी पड़ता है। अतः ऐसे में किसी देश का अलग-थलग रह पाना संभव नहीं है।

3- विश्वव्यापी प्रवाह

विश्व के एक भाग की संस्कृति का दूसरे भागों में प्रसार,एक देश की बस्तुओं का दूसरे देशों में लोकप्रिय होना, बेहतर आजीविका की तलाश में एक देश के लोगों का दूसरे देशों में प्रवास वैश्वीकरण का मुख्य कारण बना।

वैश्वीकरण के परिणाम

1- राजनीतिक परिणाम

सकारात्मक प्रभाव

शासन व्यवस्था में सुधारशासन हेतु उच्च प्रौद्योगिकीशासन की कार्यप्रणाली में गुणात्मक वृद्धिपारदर्शिताशासन व्यवस्था का सरलीकरण

नकारात्मक प्रभाव

राज्य की क्षमता में कमी आना

वैश्वीकरण के कारण राज्य की क्षमता में कमी आयी है।राज्य अब कुछ मुख्य कार्यो तक ही अपने आप को सीमित कर लिए हैं- जैसे कानून और व्यवस्था को बनाए रखना।

कल्याणकारी राज्य की समाप्ति

कल्याणकारी राज्य उस राज्य को कहा जाता है जो लोगों के कल्याण के लिए कार्य करता है। वैश्वीकरण के प्रभाव के कारण निजीकरण और उदारीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके कारण वर्तमान राज्य अपने आपको लोककल्याणकारी कार्यो से अलग कर ले रहे हैं।

न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य का उदय

न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य उस राज्य को कहा जाता है जो केवल शासन व्यवस्था व नागरिकों की सुरक्षा तक  ही अपने आप को सीमित रखता है, लोगों के कल्याण पर ज्यादा ध्यान नहीं देता तथा राज्य की जगह बाजार आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का निर्धारण करता है।

राज्यों की निर्णय लेने की क्षमता में कमी

पूरे विश्व में बहुराष्ट्रीय निगम अपने पैर पसार चुके हैं और उनकी भूमिका भी बढ़ी है। इसके कारण सरकारों की अपने दम पर निर्णय लेने की क्षमता में कमी आयी है।

2 - आर्थिक परिणाम

सकारात्मक प्रभाव

विकास की गति में वृद्धि।उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से संसाधनों का समुचित प्रयोग।रोजगार के अवसरों में वृद्धि।बाजार में प्रतियोगिता के कारण बस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि।

नकारात्मक प्रभाव

बहुराष्ट्रीय कंपनियों का उदय

बहुराष्ट्रीय कंपनियां उन कंपनियों को कहा जाता है जो एक साथ कई देशों में व्यापार करती है।

छोटे उद्योगों का पतन और असमान विकास। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण व्यापार करना मुश्किल।विकसित देशों की कठोर वीजा नीति।

3 - सांस्कृतिक प्रभाव

सकारात्मक प्रभाव

विचारों का खुलापनमिली-जुली संस्कृति का विकास महिलाओं की स्थिति में सुधारखानपान और रहन-सहन में बदलाव।

नकारात्मक प्रभाव

अमेरिकी संस्कृति का अत्यधिक प्रभावछोटे देशों की संस्कृति का ह्रासएक पक्षीय संस्कृति का विकास

भारत और वैश्वीकरण

आजादी से पहले भारत ब्रिटेन का उपनिवेश था। उस दौर में भारत से कच्चा माल ले जाकर उसे ब्रिटेन में उत्पादों में बदल कर वापस भारत में बेचा जाता था। आजादी के बाद भारत ने इस निर्भरता को समाप्त करने की कोशिश की और फैसला किया कि भारत उन सभी चीजों का उत्पादन देश में ही करेगा जिनका आयात बाहर से कर रहा था। यह व्यवस्था लगभग 1991 तक चली और उसके बाद भारत ने नई आर्थिक नीति अपनाई।

भारत की नई आर्थिक नीति 1991 (एलपीजी)

उदारीकरण

उदारीकरण का अर्थ होता है व्यापार करने की नीतियों को सरल बनाना अर्थात लाइसेंस एवं अन्य बाधाओं को समाप्त करना।

निजीकरण

निजीकरण का अर्थ निजीकरण को बढ़ावा देने से है अर्थात निजी क्षेत्र को विकसित होने का मौका देना और उस पर लगी बाध्यताओं को समाप्त करना।

वैश्वीकरण

एक देश से दूसरे देश के बीच बस्तु, पूंजी और विचार के निर्बाध प्रवाह को वैश्वीकरण कहा जाता है। एलपीजी को अपनाने के बाद भारत के अंदर विकास की गति में तेजी आयी एवं नियमों को सरल करने की वजह से व्यापार बढ़ा।

वैश्वीकरण की आलोचना

पूरे विश्व में वैश्वीकरण की आलोचना की जा रही है। इसके अंदर दो पक्ष है

वामपंथी- वामपंथी वह लोग हैं जो गरीबों का साथ देते हैं। वामपंथियों का कहना है कि वैश्वीकरण की वजह से गरीबों की हालत और ज्यादा खराब हुई है। सरकार अपनी जिम्मेदारियों से हाथ पीछे हटा रही है, साथ ही साथ गरीब और गरीब हो रहा है जबकि अमीर और अमीर।दक्षिणपंथी- दक्षिणपंथी वे लोग हैं जो अमीरों के हित में बोलते हैं। दक्षिणपंथी वैश्वीकरण के आर्थिक पक्ष का तो समर्थन करते हैं। उनका कहना है कि वैश्वीकरण तेजी से विकास करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। लेकिन ये वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव का विरोध करते हैं। इनके अनुसार पश्चिमी संस्कृति हमारी गौरवमयी संस्कृति को बर्बाद कर रही है।

Comments

Advertisement

POPULAR POSTS