अध्याय-1 : राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ
सारांश :
भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की (नोट: मूल में 14 अगस्त लिखा है, लेकिन सही तिथि 15 अगस्त है—आधी रात को स्वतंत्रता मिली)। जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में प्रसिद्ध भाषण “Tryst with Destiny” (नियति से मिलन) दिया, जिसमें उन्होंने गरीबी, असमानता और अज्ञानता को दूर करने तथा स्वतंत्रता व सशक्तिकरण के माध्यम से एक लोकतांत्रिक और प्रगतिशील भारत बनाने का संकल्प व्यक्त किया।
रोचक तथ्य: यह भाषण रेडियो पर प्रसारित हुआ था और आज यूट्यूब पर इसके लाखों व्यूज़ हैं।
स्वतंत्र भारत की प्रमुख चुनौतियाँ :
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राष्ट्र-निर्माण → 500+ रियासतों को एक राष्ट्र में जोड़ना और विविधताओं को समाहित करना।
उदाहरण: जैसे कोई जिग्सॉ पज़ल जोड़ना। -
लोकतंत्र की स्थापना → संविधान लागू करना (जिसे बनाने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे) और लोकतांत्रिक व्यवस्था खड़ी करना।
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सामाजिक-आर्थिक विकास → गरीबों व हाशिए पर खड़े वर्गों (दलित, आदिवासी) का उत्थान करना।
नोट: आज भी आरक्षण पर बहस जारी है।
विभाजन की चुनौतियाँ :
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भारत और पाकिस्तान का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ, जिससे 1.5 करोड़ लोग विस्थापित हुए—यह WWII के बाद का सबसे बड़ा पलायन था।
रोचक तथ्य: खुशवंत सिंह का उपन्यास “Train to Pakistan” इस त्रासदी को दर्शाता है। -
सांप्रदायिक हिंसा और तनाव बढ़ा, जिसे “दिलों का बँटवारा” कहा गया।
रियासतों का विलय :
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ब्रिटिश शासन समाप्त होने के बाद 565 रियासतें चाहें तो स्वतंत्र रह सकती थीं, जिससे भारत का एकीकरण खतरे में पड़ सकता था।
नोट: सरदार पटेल ने इसे मानो “जासूसी उपन्यास” की तरह सुलझाया। -
हैदराबाद, जूनागढ़, कश्मीर और मणिपुर ने विलय में देरी की। पटेल ने दृढ़ता से अधिकांश राज्यों को भारत में मिला लिया।
रोचक तथ्य: पटेल को “भारत का बिस्मार्क” कहा जाता है। -
हैदराबाद को ऑपरेशन पोलो से जोड़ा गया; जूनागढ़ ने जनमत-संग्रह से भारत में विलय किया (99% ने भारत चुना)।
राज्यों का पुनर्गठन :
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भाषाई मांगों के चलते राज्यों के पुनर्गठन आयोग (1953) की स्थापना हुई, जिसकी अध्यक्षता फ़ज़ल अली ने की।
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1956 अधिनियम के तहत 14 राज्य और 6 केंद्रशासित प्रदेश बने।
नोट: यह भारत के आधुनिक नक्शे का आधार बना। -
भाषाई आधार पर पुनर्गठन ने अलगाववाद और विभाजन की आशंका कम कर दी।
रोचक तथ्य: आयोग ने 2 वर्षों में 100+ शहरों का दौरा किया—मानो एक रोड-ट्रिप हो।
निष्कर्ष :
विभाजन, हिंसा और रियासतों के विलय जैसी चुनौतियों के बावजूद भारत एक एकीकृत लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में उभरा और आज भी “विविधता में एकता” का प्रतीक है।
एक-वाक्यीय उत्तर (1 अंक)
- राज्यों के पुनर्गठन आयोग का गठन कब हुआ? → 1953
- “Train to Pakistan” के लेखक कौन हैं? → खुशवंत सिंह
- त्रिपुरा को पूर्ण राज्य का दर्जा कब मिला? → 21 जनवरी 1972
- आंध्र प्रदेश की मांग में उपवास के दौरान किसकी मृत्यु हुई? → पोत्ती श्रीरामलु
- गोवा किसकी उपनिवेश थी? → पुर्तगाल की; 1961 में ऑपरेशन विजय से मुक्ति मिली
- राज्यों के पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष कौन थे? → फ़ज़ल अली
- भारतीय राजनीति का “लौहपुरुष” किसे कहा जाता है? → सरदार वल्लभभाई पटेल
- स्वतंत्र भारत में फ्रांसीसी उपनिवेश का नाम बताइए। → पांडिचेरी (अब पुडुचेरी)
- “ज़िंदानामा” किसने लिखा? → कृष्ण चंदर
- दिल्ली समझौता कब हुआ? → 8 अप्रैल 1948
- भारत के साथ विलय संधि पर किस राजा ने हस्ताक्षर किए? → जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह
- हैदराबाद अभियान का नेतृत्व किसने किया? → सरदार पटेल (ऑपरेशन पोलो)
- “नागमणि” के संपादक कौन थे? → रामकृष्ण हेगड़े (कन्नड़ साहित्य से जुड़े)
- किस घटना को “दिलों का बँटवारा” कहा जाता है? → 1947 का भारत-पाकिस्तान विभाजन
- भारत का विभाजन किस सिद्धांत पर हुआ? → द्विराष्ट्र सिद्धांत
- भारत का “बिस्मार्क” किसे कहा जाता है? → सरदार वल्लभभाई पटेल
सही विकल्प चुनिए (1 अंक)
- भारत के विभाजन के समय गवर्नर-जनरल (1947): → (A) लॉर्ड माउंटबेटन
- निज़ाम की अर्धसैनिक सेना का नाम: → (C) रज़ाकार सेना
- जनमत-संग्रह से भारत में शामिल हुआ राज्य: → (B) जूनागढ़
- पोत्ती श्रीरामलु कितने दिन के उपवास के बाद मरे? → (C) 56 दिन
- मणिपुर में आम चुनाव कब हुए? → (C) जून 1948
- “Tryst with Destiny” भाषण किसने दिया? → (B) जवाहरलाल नेहरू
- राज्यों का पुनर्गठन अधिनियम कब पारित हुआ? → (A) 1956
मानचित्र आधारित प्रश्न
- 1961 से पहले पुर्तगाली उपनिवेश → गोवा
- 56 दिन की भूख हड़ताल के बाद बना राज्य → आंध्र प्रदेश
- भारत का पहला भाषाई राज्य → आंध्र प्रदेश (1953, तेलुगु)
- 2019 में UT बना राज्य → जम्मू और कश्मीर
- जूनागढ़ रियासत → गुजरात
- हैदराबाद रियासत → तेलंगाना और आंध्र प्रदेश
- 2000 में मध्य प्रदेश से बना राज्य → छत्तीसगढ़
- 2000 में बिहार से बना राज्य → झारखंड
- 1966 में पंजाब से बना राज्य → हरियाणा
- 2004 सुनामी से सबसे प्रभावित राज्य → तमिलनाडु (साथ ही अंडमान-निकोबार)
- ग्वालियर किस राज्य में है? → मध्य प्रदेश
लघु उत्तर (40 शब्द | 2 अंक)
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राज्यों का पुनर्गठन आयोग क्या है? → 1953 में फ़ज़ल अली की अध्यक्षता में गठित आयोग जिसने भाषाई आधार पर राज्यों का गठन सुझाया, 1956 अधिनियम लागू हुआ।
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“Tryst with Destiny” क्या है? → नेहरू का 14–15 अगस्त 1947 का भाषण, जिसमें स्वतंत्रता की घोषणा और गरीबी व असमानता हटाने का वादा था।
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राज्यों के पुनर्गठन आयोग की दो सिफारिशें। → (1) 14 राज्यों का गठन। (2) 6 केंद्रशासित प्रदेश।
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फ़ज़ल अली आयोग क्या है? → 1953 में गठित, जिसने भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन सुझाया; 1956 अधिनियम का आधार बना।
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लौहपुरुष किसे और क्यों कहा गया? → सरदार पटेल, जिन्होंने 565 रियासतों का भारत में विलय कराया।
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त्रिपुरा राज्य कैसे बना? → 1949 में भारत में मिला, 1972 में पूर्वोत्तर पुनर्गठन अधिनियम से पूर्ण राज्य बना।
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जूनागढ़ भारत में कैसे जुड़ा? → 1948 में जनमत-संग्रह द्वारा, 99% लोगों ने भारत चुना।
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द्विराष्ट्र सिद्धांत क्या है? → जिन्ना का विचार कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग राष्ट्र हैं, जिससे 1947 का विभाजन हुआ।
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मणिपुर का भारत में विलय कैसे हुआ? → 1949 में महाराजा ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए; पटेल ने कूटनीति से समझौता कराया।
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1947 के विभाजन की दो चुनौतियाँ। → (1) सांप्रदायिक हिंसा और 1.5 करोड़ विस्थापित। (2) हैदराबाद, कश्मीर जैसी रियासतों का विलय।
दीर्घ उत्तर (120 शब्द | 3–4 अंक)
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राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ → स्वतंत्रता के बाद चुनौतियाँ थीं: (a) 565 रियासतों का विलय (हैदराबाद—ऑपरेशन पोलो), (b) लोकतंत्र की स्थापना (1950 संविधान, कम साक्षरता के बावजूद), (c) सामाजिक-आर्थिक उत्थान (गरीबी हटाना, आरक्षण), (d) विभाजन (1.5 करोड़ विस्थापित, सांप्रदायिक हिंसा)। परिणाम: एकजुट लोकतांत्रिक भारत, हालांकि कश्मीर विवादित रहा।
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रियासतों के विलय की बाधाएँ → (1) 565 राज्य स्वतंत्र रह सकते थे। (2) शासकों का विरोध (हैदराबाद, जूनागढ़)। (3) सांस्कृतिक-भौगोलिक समस्याएँ (कश्मीर पर पाकिस्तान का आक्रमण)। समाधान: पटेल ने कूटनीति (विलय-पत्र) और बल (ऑपरेशन पोलो) से हल किया।
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राज्यों का पुनर्गठन → फ़ज़ल अली आयोग (1953) ने पोत्ती श्रीरामलु की शहादत के बाद भाषाई राज्य बनाए। सिफारिशें: 14 राज्य + 6 UT। 1956 अधिनियम से भारत का नक्शा बदला, एकता और विविधता में संतुलन कायम हुआ।
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नेहरू के धर्मनिरपेक्षता के तर्क → (a) भारत बहुधर्मी समाज है। (b) विभाजन ने सांप्रदायिकता का खतरा दिखाया। (c) आधुनिकता के लिए धर्म-राज्य अलगाव जरूरी। नैतिक दृष्टि: अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, गांधी की हत्या का प्रभाव। संवैधानिक गारंटी: अनुच्छेद 25–28।
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विभाजन के बाद समस्याएँ → (a) पंजाब व बंगाल में दंगे। (b) 1.5 करोड़ शरणार्थी। (c) आर्थिक संकट (जूट मिलें, कच्चे माल का बँटवारा)। (d) कश्मीर युद्ध। प्रभाव: विकास रुका, पर भारत लोकतंत्र से उभरा।
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पटेल की भूमिका → कूटनीति (भोपाल, त्रावणकोर को मनाया), बल (ऑपरेशन पोलो), जनमत-संग्रह (जूनागढ़)। “लौहपुरुष” कहे गए, एकता सुनिश्चित की, हालांकि कश्मीर लंबित रहा।
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विभाजन (1947) के परिणाम → (a) 5 लाख मौतें, 1.5 करोड़ विस्थापन। (b) आर्थिक अव्यवस्था। (c) राजनीतिक अस्थिरता (कश्मीर युद्ध)। (d) सांप्रदायिक घाव।
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रियासतों के प्रति सरकार का दृष्टिकोण → प्रोत्साहन (प्रिवी पर्स, सुरक्षा), स्वतंत्रता अस्वीकार्य, बल का प्रयोग (हैदराबाद)। वी.पी. मेनन ने पटेल की मदद की। परिणाम: 562 राज्य भारत में शामिल।
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हैदराबाद और मणिपुर का विलय → हैदराबाद: निज़ाम ने विरोध किया, रज़ाकारों ने हिंसा फैलाई, 1948 में ऑपरेशन पोलो से विलय हुआ। → मणिपुर: 1949 में महाराजा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, पटेल ने समझौता कराया।
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