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Directive Principles of State Policy: Guiding India's Vision for a Welfare State

 राज्य के नीति निदेशक तत्व: कल्याणकारी राज्य का मार्गदर्शक दर्शन प्रस्तावना: संविधान की आत्मा का जीवंत हिस्सा भारतीय संविधान का भाग 4, जो अनुच्छेद 36 से 51 तक फैला है, 'राज्य के नीति निदेशक तत्व' (Directive Principles of State Policy – DPSPs) का खजाना है। ये तत्व भारत को एक ऐसे कल्याणकारी राज्य की ओर ले जाने का सपना दिखाते हैं, जहाँ न केवल राजनीतिक आज़ादी हो, बल्कि सामाजिक और आर्थिक न्याय भी हर नागरिक तक पहुँचे। ये तत्व भले ही अदालतों में लागू करवाने योग्य न हों, लेकिन ये संविधान की उस चेतना को दर्शाते हैं जो भारत को समता, न्याय और बंधुत्व का देश बनाने की प्रेरणा देती है।  यह संपादकीय लेख भाग 4 के महत्व, इसके ऐतिहासिक और समकालीन संदर्भ, इसकी उपलब्धियों और चुनौतियों को सरल, रुचिकर और गहन तरीके से प्रस्तुत करता है। आइए, इस यात्रा में शामिल हों और समझें कि कैसे ये तत्व आज भी भारत के भविष्य को आकार दे रहे हैं। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: स्वतंत्र भारत का नीतिगत सपना जब भारत ने 1947 में आज़ादी हासिल की, तब संविधान निर्माताओं के सामने एक सवाल था: स्वतंत्र भारत कैसा होगा? क्या वह केवल औपनिवे...

राजनीतिक विचारक श्रृंखला : अरस्तू

 अरस्तू के राजनीतिक विचार उनके ग्रंथ Politics में विस्तृत रूप से मिलते हैं। उन्होंने राज्य, शासन प्रणाली, नागरिकता, न्याय और कल्याण के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। उनके राजनीतिक विचारों के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं: 1. राज्य का स्वाभाविक विकास (State as a Natural Institution) अरस्तू के अनुसार, मनुष्य स्वाभाविक रूप से एक राजनीतिक प्राणी (Political Animal) है। राज्य परिवार और गांव के विकास का स्वाभाविक परिणाम है। राज्य का उद्देश्य "सर्वोच्च भलाई" (Highest Good) की प्राप्ति है। 2. शासन के प्रकारों का वर्गीकरण (Classification of Governments) अरस्तू ने शासन को दो आधारों पर वर्गीकृत किया: 1. सकारात्मक रूप (Good Forms): राजतंत्र (Monarchy): एक व्यक्ति का राज्य हित में शासन। अभिजाततंत्र (Aristocracy): कुछ श्रेष्ठ व्यक्तियों का राज्य हित में शासन। लोक शासन (Polity): जनता का सामूहिक रूप से राज्य हित में शासन। 2. नकारात्मक रूप (Perverted Forms): अत्याचार (Tyranny): एक व्यक्ति का अपने स्वार्थ के लिए शासन। कुलीनतंत्र (Oligarchy): अमीरों का अपने स्वार्थ के लिए शासन। भीड़तंत्र (De...

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